पश्चिम बंगाल में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी उठा-पटक अपने चरम पर है। अमित शाह एक बार फिर से बंगाल का दौरा करने वाले हैं और इसकी सियासी तपिश अभी से ही ममता बनर्जी की पार्टी में महसूस होने लगी है। 30 जनवरी को अमित शाह के बंगाल दौरे से ठीक पहले ममता बनर्जी को एक और झटका लगा है और उनकी सरकार में मंत्री राजीब बनर्जी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इस इस्तीफे को शाह के दौरे से जोड़कर देखा जा रहा है। राजीव बनर्जी के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है कि क्या वह भी शुभेंदु अधिकारी की तरह भारतीय जनता पार्टी का दामन थामेंगे?
फिर सता रहा टीएमसी में भगदड़ का डर
अमित शाह के दौरे से इस इस्तीफे को इसलिए भी जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि जब पिछले महीने अमित शाह दौरा करने वाले थे, उससे ठीक पहले ममता बनर्जी की टीएमसी में इसी तरह की सियासी भगदड़ देखने को मिली थी और शुभेंदु अधिकारी के बाद एक से एक कई टीएमसी नेता और विधायक ने पार्टी का साथ छोड़ा था। 19 दिसंबर को अमित शाह की मौजूदगी में शुभेंदु अधिकारी समेत टीएमसी के करीब 10 नेता भाजपा में शामिल हुए थे। गौरतलब है कि भाजपा ने राज्य में दो सौ पार का नारा दिया है। भाजपा ने पिछले चुनाव में महज तीन सीटें जीती थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में उसने 18 सीटें जीतकर बड़ी छलांग लगाई थी, जिसके बाद वह राज्य में सत्ता की मजबूत दावेदार बनकर उभरी है।
पिछली बार कैसे ममता को शाह ने दिया था झटका
यही वजह है कि अमित शाह जब-जब बंगाल का दौरा करते हैं, ममता बनर्जी की धड़कनें बढ़ जाती हैं। इसकी मिसाल पिछली बार टीएमसी समेत सभी देख चुके हैं कि कैसे बंगाल दौरे पर अमित शाह ने टीएमसी के कुनबे से कई नेतआों को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया था। पिछली बार गृह मंत्री अमित शाह के दो दिवसीय दौरे के दौरान ममता के संकटमोचक माने जाने वाले शुभेंदु अधिकारी, जितेंद्र तिवारी, शीलभद्र दत्ता समेत कई नेता भाजपा में शामिल हुए थे। इससे पहले दिसंबर से पहले नवंबर में कूचबिहार दक्षिण सीट से तृणमूल कांग्रेस विधायक मिहिर गोस्वामी ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए दिल्ली में भाजपा का दामन थाम लिया था।
टीएमसी में भगदड़ के क्या हैं संकेत
भारतीय जनता पार्टी टीएमसी में बड़ी सेंध लगाने की तैयारी में है। भाजपा का दावा है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई विधायक उसके संपर्क में है, लेकिन वह किसी जल्दबाजी में नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 23 जनवरी व गृह मंत्री अमित शाह के 30 जनवरी के दौरों के से भाजपा के मिशन को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
कैलाश विजयवर्गीय के दावों से मिला बल
भाजपा महासचिव व राज्य के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने चालीस से ज्यादा तृणमूल कांग्रेस के विधायकों के संपर्क में होने का दावा किया है। हालांकि उन्होंने नामों का खुलासा नहीं किया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, वह इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करेगी, बल्कि धीरे धीरे तृणमूल को झटका देगी। पार्टी में लगभग एक दर्जन नेता शामिल हो सकते हैं, लेकिन उनको एक-दो कर लिया जाएगा। इसके पीछे मकसद चुनाव तक विरोधी खेमे में भगदड़ की स्थिति बनाए रखना है और संभव है कि अमित शाह के दौरे के दौरान कई टीएमसी नेता भाजपा में शामिल हो जाए।
No comments:
Post a Comment
If you have any type of news you can contact us.