उत्तर प्रदेश में सरकार 15 फरवरी से छठवीं से कक्षा आठ तक के स्कूल खोलने पर विचार कर रही है। आज इस निर्णय हो सकता है। गौरतलब है कि पिछले दिनों सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के आधार पर छह से आठ तक की कक्षाएं दोबारा शुरू करने पर विचार करें। इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने सरकार को 15 फरवरी से कक्षा छह से आठ तक के स्कूल खोलने का प्रस्ताव भेजा है। कक्षा एक से पांच तक के विद्यालयों को एक मार्च से शुरू करने का प्रस्ताव है।
कोरोना के कारण स्कूलों की बंदी को धीरे-धीरे एक साल वक्त गुजरने वाला है। इस दौरान बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है। राज्य के सरकारी प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की पहुंच ऑनलाइन पढ़ाई तक नहीं है। अभावों के चलते परिषदीय विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई उतनी कारगर नहीं हो पा रही है जितना प्राइवेट सेक्टर के स्कूलों में। लिहाजा, माता-पिता और शिक्षक सभी बच्चों की पढ़ाई और कोर्स पूरा करने को लेकर चिंतित हैं।
इस बीच देश में कोरोना टीकाकरण का पहला चरण पूरा हो चुका है। कोरोना के सक्रिय मामलों में काफी कमी आई। नए केस भी काफी कम आ रहे हैं। लिहाजा अब सरकार भी स्कूलों को दोबारा शुरू करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। सीएम योगी ने पढ़ाई शुरू करने से पहले अधिकारियों को कोरोना संक्रमण की स्थिति का आकलन करने के निर्देश दिया था। गौरतलब है कि राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने पहले कहा था कि परिषदीय विद्यालय सबसे अंत में खोले जाएंगे। ऐसा हो भी रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग से सरकार को गए प्रस्ताव में 15 फरवरी से जूनियर हाई स्कूलों और एक मार्च से प्राइमरी विद्यालयों को बच्चों के लिए खोले जाने की बात है। उम्मीद जताई जा रही है कि शुक्रवार को सरकार इस पर निर्णय ले सकती है।
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