श्रीनगर के बारजुला इलाके में शुक्रवार को आतंकियों ने सरेआम पुलिस पर फायरिंग कर दी, जिसमें दो जवानों की मौत हो गई। इस घटना का सनसनीखेज वीडियो भी सामने आया है, जिसमें आतंकी पुलिसकर्मियों पर बेहद करीब से फायरिंग करके भागते दिख रहे हैं। कहा जा रहा है कि आतंकी कपड़ों में बंदूकें छिपा कर लाए थे। अब स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हमले हिंदुओं को टारगेट करके किए जा रहे हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि बुधवार शाम को आतंकी हमला कृष्णा ढाबा पर हुआ था। वहीं शुक्रवार की घटना शिव शक्ति स्वीट्स नाम की दुकान के पास हुई है। इस मामले को लेकर टाइम्स नाउ से बातचीत करते हुए कुछ स्थानीय लोगों ने कहा कि यह हिंदुओं और गैर-कश्मीरी लोगों को डराने के लिए किया जा रहा है।
कश्मीर के मामले के जानकारों का कहना है कि तीन दिन के अंदर हिंदुओं के प्रतिष्ठानों के करीब हुए हमले कोई संयोग नहीं हैं। बुधवार को हुए हमले में आतंकियों ने कृष्णा ढाबा के मालिक के बेटे को गोली मार दी थी। हाई सिक्योरिटी वाले दुर्गांग इलाके में यह घटना हुई थी। पुलिस ने इस मामले में तीन संदिग्धों को अरेस्ट किया है और उस बाइक को बरामद कर लिया है, जिसका इस्तेमाल हमले के लिए किया गया था।
यही नहीं कहा जा रहा कि गिरफ्तार किए गए तीनों संदिग्ध आतंकी 'मुस्लिम जांबाज फोर्स' से जुड़े हैं, जिस पर बैन लग चुका है। यही नहीं 1990 के दशक में सक्रिय यह आतंकी संगठन खत्म हो चुका है। लेकिन इस मामले से इसके एक बार फिर से उभरने की बातें सामने आ रही हैं।
श्रीनगर में बीते तीन दिन में यह दूसरा आंतकी हमला है। कृष्णा ढाबे के मालिक के बेटे पर तो आतंकियों ने उस वक्त फायरिंग की थी, जब 20 देशों के राजनयिक जम्मू-कश्मीर के दौरे पर थे। हालांकि शुक्रवार को सुरभाबलों ने बडगाम इलाके में हुए एक मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया। हिंदू प्रतिष्ठानों को टारगेट हमला करने की बात इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि आर्टिकल 370 हटने और राज्य के पुनर्गठन के बाद कश्मीरी पंडितों की वापसी के प्रयास किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इन प्रयासों से बौखलाए आतंकी अब हिंसक घटनाओं का सहारा ले रहे हैं ताकि घाटी में दहशत पैदा की जा सके।
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