कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को तीन नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि यह हम दो, हमारे दो की सरकार है। उन्होंने लोकसभा में आम बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ''कल प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में विपक्ष के बारे में बोला था कि विपक्ष आंदोलन की बात कर रहा है, लेकिन कृषि कानूनों के कॉन्टैंट और इन्टैंट के बारे में नहीं बोल रहा है, तो मैंने सोचा कि आज प्रधानमंत्रीजी को खुश करें और कृषि कानूनों के कॉन्टैंट को लेकर बात करें।''
उन्होंने कहा कि पहले कानून का कॉन्टैंट यह है कि कोई भी व्यक्ति देश में कहीं भी कितना भी अनाज, सब्जी, फल खरीद सकता है। जितना भी खरीदना चाहता है तो खरीद सकता है। अगर देश में अनलिमिटेड खरीदी होगी तो मंडी में कौन जाकर खरीदेगा। पहले कानून का कॉन्टैंट का लक्ष्य मंडियों को खत्म करने का है। दूसरे कानून का कॉन्टैंट है कि बड़े से बड़े उद्योगपति जितना भी स्टॉक करना चाहते हैं, कर सकेंगे। इसका मतलब जमाखोरी को देश में चालू करने का है। वहीं, तीसरे कानून का कॉन्टैंट यह है कि जब किसान देश के सबसे बड़े उद्योगपति के पास जाकर अपने अनाज का सही दाम मांगेगा तो उसे कोर्ट में नहीं जाने दिया जाएगा।
There was a slogan for family planning 'Hum do hamare do'. Like Corona comes back in a different form, this slogan has come back in a different form. Nation is run by 4 people - 'Hum do hamare do'. Everyone knows their names. Whose govt is it, of 'hum do, hamare do': Rahul Gandhi pic.twitter.com/hFp1ipkOu7
— ANI (@ANI) February 11, 2021
राहुल गांधी ने अपने संबोधन के बाद संसद में किसान आंदोलन के दौरान मर गए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस सांसदों ने भी मौन रखा। हालांकि, इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आपत्ति दर्ज करवाई। उन्होंने कहा कि आप वरिष्ठ सदस्य हैं। आप सब ने मुझे जिम्मेदारी है। इस तरह का व्यवहार करना उचित नहीं है। यह गरिमापूर्ण नहीं है। सैनिकों के प्रति 130 करोड़ लोगों का सम्मान है, लेकिन सदन की जिम्मेदारी आपने मुझे दी है, आपकी कभी भावना है तो मुझे बता दें।
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