उत्तर प्रदेश की धार्मिक तथा सांस्कृति राजधानी के रूप में विख्यात वाराणसी ने गुरुवार को महाशिवरात्रि पर्व पर गंगा जमुनी तहजीब को भी देखा और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल भी पेश हुई। महाशिवरात्रि पर्व पर यहां आधी रात से ही आस्था की कतार लगी है। पूरी काशी शिवमय है। इसी दौरान दिन में मुसलमानों ने फूल की पंखुडिय़ों की वर्षा कर शिव भक्तों का स्वागत किया। धर्म और आध्यात्म के साथ ही मोक्ष की नगरी काशी में प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी महाशिवरात्रि का अनोखा रंग चढ़ा नजर आया।
अपनी अलमस्ती और फक्कड़पन के लिए मशहूर काशी में महादेव की महाशिवरात्रि में साम्प्रदायिक सौहार्द का अनूठा नजारा देखने को मिला। गुरुवार को धर्मनगरी वाराणसी में महाशिवरात्रि का पर्व धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है और हर कोई बाबा की भक्ति में लीन दिखाई दे रहा है।
इन सबके बीच एक अलग तस्वीर देखने को मिली है। यहां पर बाबा के दर्शन करने के लिए कतार में खड़े श्रद्धालुओं पर मुस्लिम समुदाय के युवक व युवतियों ने गुलाब की पंखुडिय़ों की बारिश की। पुष्प वर्षा कर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने यह संदेश दिया कि देश में हर धर्म के लिए हर त्यौहार समान महत्व रखता है।
गोदौलिया से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर तक कतार में खड़े लोगों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने फूलों की बारिश करते हुए ओम नम: शिवाय नारे का जयघोष लगाया। काशी में मुस्लिमों ने शिव भक्तों पर मंदिर दर्शन के लिए जाते समय पुष्पवर्षा कर गंगा जमुनी तहजीब की परंपरा का निर्वहन किया। गंगा-जमुनी तहजीब की परंपरा के निर्वहन की यह प्रत्येक वर्ष प्रक्रिया अब परंपरा का हिस्सा बन चुकी है। सुबह से ही मंदिर में दर्शन के लिए जाते समय आस्थावानों पर टोकरी से भरकर सभी पर पुष्पवर्षा कर भाईचारा और सौहार्द का संदेश दिया।
फूल बरसाने वाले मोहम्मद आसिफ के साथ कलीम, परवीन, आसमां तथा इमरान ने बताया कि हमको तो पता है कि हर भारतीय हर धर्म को सम्मान देता है। इसी कारण लोगों को आज यहां महाशिवरात्रि के मौके पर अनोखा नजारा देखने को मिला। आज का यह अवसर लोगों को बताने के लिए काफी हैं कि भारत में सब धर्म एकजुट है और हर त्यौहार सभी साथ में मनाते हैं।
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