सपा अभी से 2002 की तैयारी में जुट गई है। सपा मुखिया अखिलेश यादव जिलावार पहुंच कर पार्टी के लोगों से विस्तार से बात कर रहे हैं। बातचीत में सपा सरकार के कामों का हवाला दे रहे हैं। यह भी ऐलान किया है कि अब बड़े दलों से गठबंधन नहीं होगा। छोटे दलों के साथ मिल कर चुनाव लड़ेंगे। मुरादाबाद में भी उन्होंने इस बात पर जोर दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की कोशिश यही है कि जहां सुधार की गुंजाइश होगी वहां करेंगे। बातचीत में उन्होंने यह स्वीकारा कि बड़े दलों (कांग्रेस बसपा ) के साथ गठबंधन का अनुभव अच्छा नहीं रहा। इस वजह से इन दलों से दूरी बना कर रखेंगे। छोटे और स्थानीय दलों को आगामी चुनाव में तरजीह देंगे। भाजपा से नाता रखने वाले दलों से भी उन्होंने दूर रहने को कहा। उनसे जब यह सवाल किया गया कि क्या अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रसपा से भी गठबंधन करेंगे तो उनका जवाब था वह भी छोटा दल है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुरादाबाद में संभल और मुरादाबाद के सांसद समेत कुछ और जनप्रतिनिधियों के घर पहुंच कर बात की। फीडबैक लिया कि किस तरह तैयारी की जाए। सपा अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं में जोश भरा। प्रेस कांफ्रेंस के बाहर भारी संख्या में सपाई इंतजार में खड़े रहे। होटल हॉली डे में लंबे समय तक नेताओं का जमावड़ा रहा।
गंगा जमुनी तहजीब का उदाहरण देकर एकजुटता का संदेश
अखिलेश यादव ने एक उदाहरण मुरादाबाद के आयोजन का दिया। जिसमें बताया कि मैं अभी सांसद डा. एसटी हसन के आवास से आ रहा था रास्ते में एक मेला दिखा जिसमें हिन्दू मुस्लिम एक साथ इन्जावय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा हमेशा इस पक्ष में रही है कि धर्म निरपेक्षता कायम रहे। लोग आपस में मिल जुल कर रहें। भाजपा भेदभाव पूर्ण काम करती है।
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