उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का मंत्रिमंडल विस्तार आज शुक्रवार शाम को होगा। राजभवन को इसके लिए सूचित किया जा चुका है। सूत्रों की मानें तो संगठन, सांसदों सहित विधायकों से फीडबैक ले लिया गया है। कैबिनेट मंत्रियों के नामों पर अंतिम निर्णय दिल्ली की मुहर के बाद ही होगा। संगठन में आपसी खींचतान की वजह से भाजपा संगठन को नामों पर मुहर लगाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों की मानें तो त्रिवेंद्र सरकार में सबसे ज्यादा पावरफुल मंत्री रहे मदन कौशिश की छुट्टी हो सकती है। इसी के साथ ही सरकारी प्रवक्ता का पद भी उनसे लिया जा सकता है। कौशिक की बतौर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति की गई है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत को डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दी जा सकती है। अगर ऐसा होता है तो, प्रदेश की 20 सालों की राजनीति में पहली बार किसी को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा।
राजनीतिक सूत्रों की मानें तो, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री अरविंद,कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, महिला कल्याण मंत्री रेखा आर्य, परिवहन मंत्री यशपाल आर्य और वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को दोबारा पारी खेलने का मौका दिया जाएगा। यमकेशवर विधायक ऋतू खंडूरी, डिडिहाट से बिशन सिंह चुफाल, कालाढूंगी से बंशीधर भगत, विकासनगर से मुन्ना सिंह चौहान और खटीमा से पुष्कर सिंह धामी को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। ऐसा करने से तीरथ की ओर से गढ़वाल व कुमाऊं मंडलों में बैलेंस करने की पूरी कोशिश होगी ताकि अगले साल आने वाले विधानसभा चुनाव -2022 में भाजपा की दोबारा सरकार बन सकी। शुक्रवार शाम को राजभवन में विधायकों को पद व गोपनियता की शपथ दिलाई जा सकती है।
उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा कि 11 विधायकों को आज पद और गोपनियता की शपथ दिलाई जाएगी। संसदीय बोर्ड के सदस्यों की ओर से कैबिनेट मंत्रियों के नाम पर चर्चा की जा रही है और दोपहर तक नाम फाइनल कर दिए जाएंगे। कैबिनेट मंत्रियों के नाम को फाइनल करने से पहले हर पहलुओं पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से दून में कई विधायकों ने सेफ हाउस में मुलाकात की। यहां मंत्रिमंडल गठन के साथ ही विधानसभा क्षेत्रों की समस्याओं को लेकर भी सीएम से चर्चा की गई। यही नहीं, मंत्रिमंडल के साथ ही उत्तराखंड भाजपा संगठन में भी अहम बदलाव की संभावना जताई जा रही है। सीएम गुरुवार शाम हरिद्वार से लौटने के बाद कुछ देर जीएमएस रोड स्थित घर पहुंचे। फिर सीएम का काफिला बीजापुर सेफ हाउस निकला। यहां भाजपा के तीन दर्जन से अधिक विधायकों ने सीएम से मुलाकात की। कुछ विधायकों ने सीएम से अलग-अलग मुलाकात की। भाजपा के सूत्रों ने बताया कि मुलाकात के दौरान विधायकों के साथ अगले एक-दो दिनों में होने वाले मंत्रिमंडल गठन के बारे में चर्चा की गई। इस बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत भी थे। हालांकि, भगत ने इसे, इन विधायकों की सामान्य शिष्टाचार मुलाकात करार दिया है।
सीएम से इन्होंने की मुलाकात
सीएम तीरथ सिंह रावत से अलग-अलग मुलाकात करने वालों में सतपाल महाराज और सुबोध उनियाल शामिल हैं। विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने भी सीएम से अलग से मुलाकात की। गुरुवार को गसीएम से मिलने वालों में डॉ. धन सिंह रावत, विनोद चमोली, पूरन सिंह फत्र्याल, प्रेम सिंह राणा, खजानदास, ऋतु खंडूड़ी, मीना गंगोला, गणेश जोशी, मुन्नी देवी, चंद्रा पंत, राजेश शुक्ला, आदेश चौहान, यतीश्वरानंद, देशराज कर्णवाल, पुष्कर सिंह धामी सहित कई विधायक शामिल रहे।
भाजपा संगठन से भी फीडबैक
नई कैबिनेट के गठन को लेकर सीएम तीरथ सिंह रावत भाजपा संगठन से भी विचार-विमर्श कर रहे हैं। उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। लिहाजा, माना जा रहा है कि आखिरी साल में गठित होने वाली कैबिनेट में संगठन की राय को प्रमुखता दी जाएगी। पार्टी के पुराने नेताओं और कई बार के विधायकों को मंत्रिमंडल में प्राथमिकता मिल सकती है। क्षेत्रीय और जातीय संतुलन का भी ध्यान रखा जाना है।
मंत्रियों पर दिल्ली में लगेगी मुहर
देहरादून। सीएम तीरथ सिंह रावत की कैबिनेट पर अंतिम निर्णय दिल्ली की मुहर के बाद ही होगा। गुटीय खींचतान एवं कुछ नए चेहरों को कैबिनेट में शामिल किए जाने की वजह से कैबिनेट फाइनल करने में मुश्किलें आ रही हैं। ऐसे में अंतिम निर्णय दिल्ली पर ही छोड़ने का फैसला लिया गया है। सूत्रों ने बताया, पहले नए सीएम के साथ तीन-पांच मंत्रियों को शपथ दिलाने की तैयारी थी। लेकिन, मंत्री पद के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त के कारण ऐन वक्त पर यह निर्णय टाल दिया गया। भाजपा के कई विधायक मंत्री बनने की जुगत में हैं।
कुमाऊं के विधायकों को राज्य कैबिनेट में हिस्सेदारी की आस
तीरथ कैबिनेट में कुमाऊं के विधायकों को पूरा प्रतिनिधित्व मिलने की उम्मीद है। वित्त मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद पिथौरागढ़ से रिक्त कैबिनेट सीट की भरपाई की भी आस है। नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, अल्मोड़ा के विधायकों को उम्मीद है कि किसी न किसी रूप में तीरथ कैबिनेट में उनकी हिस्सेदारी होगी। पार्टी सूत्रों की मानें तो कुमाऊं-गढ़वाल और मैदान-पहाड़ संतुलन साधने के चलते ही कैबिनेट की घोषणा में देरी हो रही है।
तीरथ कैबिनेट में महिलाओं का बढ़ सकता है प्रतिनिधित्व
उत्तराखंड में यदि महिला विधायकों की बात की जाए तो 2017 के चुनाव में भाजपा से चार महिला विधायक रेखा आर्य, ऋतु खंडूड़ी, मीना गंगोला, मुन्नी देवी जीतकर आई थीं। पिथौरागढ़ उपचुनाव में चंद्रा पंत भाजपा से राज्य की 5वीं महिला विधायक बनीं। पांच में से त्रिवेंद्र कैबिनेट में रेखा आर्य को राज्यमंत्री के रूप में जगह मिली थी। अब, महिला विधायकों को उम्मीद है कि कम से कम दो सीटों पर प्रतिनिधित्व मिलेगा।
मंत्रिमंडल गठन की संभावना के चलते छुट्टी में खुला गोपन विभाग
मंत्रिमंडल के गठन को लेकर गोपन विभाग गुरुवार को अवकाश के बावजूद दिनभर खुला रहा। देर शाम तक इंतजार होता रहा। इसके बाद भी जब मंत्रिमंडल गठन के लिए कोई हरी झंडी नहीं मिली तो शाम पौने आठ बजे के करीब कार्यालय बंद किया गया। उम्मीद जताई जा रही थी कि शुक्रवार को शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है।
उत्तराखंड में नई कैबिनेट गठन की कवायद शुरू हो गई है। शुक्रवार शाम तक शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। सीएम तीरथ सिंह रावत जल्द फैसला लेंगे। कैबिनेट गठन को लेकर शीर्ष नेतृत्व से भी राय मशविरा किया जाएगा। मेरी राय में भी कैबिनेट के सभी पदों पर नियुक्तियां जल्द कर देनी चाहिए। कुछ नए चेहरे भी शामिल होने की उम्मीद है। लेकिन, इस बारे में अंतिम निर्णय सीएम को ही करना है।
बंशीधर भगत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
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