संतोष कौशल
*ज्ञान यज्ञ ही युग धर्म है - उमानंद शर्मा*
सिद्धार्थनगर । गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के तहत युगऋषि पं0 श्री राम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का वांग्मय साहित्य का 359वां सेट सोमवार को जयपुरिया स्कूल पैगरामऊ कुर्सी रोड लखनऊ के केन्द्रीय पुस्तकालय में स्थापित किया गया।
यह वांग्मय साहित्य गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट गायत्री ज्ञान मंदिर इन्दिरा नगर के सक्रिय कार्यकर्ता अजय कुमार ने अपने पूज्य पिता स्व. राधेश्याम सक्सेना व पूज्य माता स्व. कांती सक्सेना एवं धर्मपत्नी स्व. सुभ्रा सक्सेना की स्मृति में भेंट किया गया।
इस दौरान सभागार में मौजूद सभी छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक - शिक्षिकाओ को अखंड ज्योति की पत्रिका भी भेंट की गयी।
इस अवसर पर वांग्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि ज्ञान यज्ञ ही युग धर्म है। डॉ. नरेन्द्र द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं को निरोगी जीवन जीने के ऋषि सूत्र को विस्तार पूर्वक बताया गया। संस्थान के चेयरमैन एस. एन. गोयल ने कहा कि सदसाहित्य मानव जीवन को परिष्कृत कर सकता है , उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक - शिक्षिकाओ को ऋषि साहित्य स्वाध्याय करने की सलाह दी। कार्यक्रम के अंत में संस्थान के प्रधानाचार्या श्रीमती टीयुना श्रीवास्तव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन व्यक्त किया गया ।
इस अवसर पर संस्थान के उप प्रधानाचार्य संचिता श्रीवास्तव , तथा उमानंद शर्मा , डॉक्टर नरेंद्र देव , डॉक्टर के. के. मिश्रा, अनिल भटनागर सहित सभी छात्र छात्राएं , शिक्षक शिक्षिकाए एवं अधिकारीगण मौजूद रहे।
No comments:
Post a Comment
If you have any type of news you can contact us.