संतोष कौशल
*सद्ज्ञान व्यक्ति को नर से नारायण बना सकता है - उमानंद शर्मा*
सिद्धार्थनगर । सद्ज्ञान व्यक्ति को नर से नारायण बना सकता है यह बाते वांग्मय स्थापना अभियान गायत्री परिवार लखनऊ के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने वांग्मय साहित्य पर प्रकाश डालते हुए कही ।
सोमवार को गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर लखनऊ के द्वारा चलाई जा रही विचार क्रांति ज्ञान यज्ञ अभियान के तहत बाबू सुंदर सिंह कालेज ऑफ फार्मेसी रायबरेली रोड निगोहा लखनऊ के पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युग ऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खंडों का 364वा साहित्य की स्थापना कार्यक्रम में उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए उमानन्द शर्मा ने कहा कि सद्ज्ञान व्यक्ति को नर से नारायण बना सकता है। महापुरुष की वाणी उनके लिखे गए साहित्य में सद्ज्ञान की प्राप्ति होती है। यह साहित्य युग ऋषि द्वारा रचित सम्पूर्ण वांग्मय है।
79 खंडों का 364वा वांग्मय साहित्य गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्टीय सदस्य श्रीहंस जी ने अपने सम्मानित पूर्वजो की स्मृति में भेंट किया है। इस दौरान एस. डी. मिश्रा द्वारा सभी छात्र - छात्राओं को *सफल जीवन की दिशा धारा* नामक पॉकेट बुक भेंट की गई।
इस अवसर पर संस्था के चेयरमैन इंजीनियर आनंद शेखर सिंह व एस. डी. मिश्रा ने भी अपने - अपने विचार व्यक्ति किए। संस्थान के निर्देशक डा. आलोक कुमार शुक्ला ने धन्यवाद ज्ञापन व्यक्त कर कार्यक्रम का समापन किया।
इस मौके पर श्रीमती उषा सिंह सहित कॉलेज के सभी छात्र छात्राएं व शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद रहे।
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