संतोष कौशल
बिस्कोहर । नौ दिवसीय दुर्गोत्सव के बाद पूजा पंडालों में स्थापित मां दुर्गा को भावभीनी विदाई हवा के साथ शुरू हुई बारिश के बीच दी गई। नगर के साथ गावों में स्थित पोखरा-तालाबों में श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जित किया। बुधवार सुबह 11 बजे पूजा पंडालों से शुरू हुआ विसर्जन शोभायात्रा देर रात मूर्ति विसर्जन तक जारी रहा।
नगर पंचायत बिस्कोहर के बस अड्डा , बाबू पोखरा , मुख्य कस्बा , दक्षिण डीह , मझौवा व डेगहर में निर्मित पूजा पंडालों में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमाओं व श्रीराम जानकी दुर्गा धाम मंदिर से शक्ति कलश का विसर्जन शोभायात्रा बुधवार की दोपहर रिमझिम बारिश व हल्की हवा के बीच शुरू हुआ जो मुख्य कस्बा , चौक रोड, शाह मोहल्ला , कसेरा मोहल्ला व पश्चिम टोला , बस अड्डा , पूरब डीह , रामजानकी मोहल्ला होते हुए देर रात मंगलबाजार स्थित शिव चरण पोखरे पर पहुंच कर समाप्त हुई। यहां पर सभी प्रतिमाओं का नम आंखों से विदाई देते हुए श्रद्धा पूर्वक विसर्जन किया गया।
इस दौरान गाजे-बाजे के साथ निकले विसर्जन जुलूस में शामिल युवक भक्तिगीतों पर झूमते और मां का जयकारा लगाते रहे। विसर्जन शोभायात्रा पर सुरक्षा को लेकर बिस्कोहर चौकी पुलिस की टीमें डटीं रहीं। इस दौरान दुर्गा पूजा समिति के भाजपा जिला मंत्री अजय गुप्ता , राज किशोर सोनी , राजीव पांडेय , धर्मेंद्र सिंह , विनोद पासवान , मनोज यादव , सुनील गुप्ता , विनोद भारती , पंकज गुप्ता , सुरेश कौशल , रामजी श्यामजी कसौधन , विष्णु गुप्ता , चन्द्र प्रकाश गुप्ता , जगराम गुप्ता , दुर्गेश जयसवाल , अमित कमलापुरी , कृष्ण कुमार विश्वकर्मा , पवन कुमार भोजवाल , लालबाबू पाठक , अंकित सिंह व बिपलू सिंह आदि मौजूद रहें।
इसी तरह फुलपुर पांडेय व फुलपुर राजा की प्रतिमा गांव के पोखरे पर, नावडीह , सिकंदरपुर व कुर्थी डीह की प्रतिमा नावडीह स्थित पोखरे पर , मुड़िला मिश्र व हरिबंधनपुर की प्रतिमा कोहडौरा गांव के पोखरे पर , बड़हरा विशुनपुर , महादेव नंगा व पड़डी गांव की प्रतिमा बड़हरा स्थित अमलहवा ताल पर श्रद्धा पूर्वक विसर्जित की गई। इसी तरह नगर के बेलवा बाबू गांव में स्थित मां काली मंदिर पर नौ दिनों तक स्थापित शक्ति कलश के जल को गांव की कन्याओं ने श्रद्धा पूर्वक सिर पर रखकर गांव का भ्रमण करते हुए पोखरे पर जाकर विसर्जित किया।
बारिश से बिगड़ा मेले का मिजाज
बिस्कोहर । लौटते मॉनसून की बारिश धान की फसल के लिए वरदान साबित हुई वही दशहरे के मेले का मिजाज बिगाड़ दिया। बुधवार सुबह से दोपहर दो बजे तक रुक - रुक कर हुई रिमझिम बारिश व दोपहर तीन बजे से चौमुखी हवा के साथ शुरू हुई तेज बारिश ने मां दुर्गा की विसर्जन शोभायात्रा की रौनक बिगड़ दी। सड़कों पर कीचड़ पसर गया। इससे श्रद्धालुओं को आवा-जाही में काफी दिक्कत उठानी पड़ी । बिस्कोहर , नावडीह , बड़हरा विशुनपुर आदि जगहों पर लगने वाली दशहरा मेले से आय बढ़ने की उम्मीद लगाये छोटे व्यवसाई उदास दिखे।
दो साल बाद सजा था मेला
नावडीह गांव के दशहरा मेले में चश्मा की दुकान सजाने वाले विकास ने बताया कि दशहरा के समय बारिश ने मेले की चमक फीकी कर दी है. मेले में आने वाले लोगों की संख्या कम हो गई है ऐसे में हम लोगों की बिक्री भी कम हुई है। खिलौना विक्रेता गंगोत्री पटवा ने कहा कि लगभग दो वर्षों के बाद बड़ी धूमधाम से इस बार दशहरा का मेला लगा था, लेकिन बारिश ने बाजार की रौनक छीन ली है , 2020 और 2021 में कोरोना ने मेले को प्रभावित किया और इस बार बारिश ने मेले का बाजार खराब कर दिया , बताया कि इस बार उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि मेले के लिए जो पूंजी लगाई है वह भी निकलेगी या नही क्योंकि बारिश की वजह से मेले में लोगो की आने की संख्या कम दिख रही है ।
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