संतोष कौशल
बिस्कोहर । उत्साह-आनंद व रंगो के त्योहार होली का सभी लोगो को पूरे साल इंतजार रहता है। इस साल होली का त्योहार आठ मार्च को है। इन दिन पुराने गिले-शिकवे भूलकर एक दूसरे को गले लगाना, मिठाइयां-गुझिया खाना, इस त्योहार को कई मामलों में खास बनाता है, पर कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को होली में सेहत को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है।
डायबिटीज ऐसी ही बीमारी है जिसमें होली के समय बरती गई थोड़ी भी लापरवाही गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। चिकित्सको के मुताबिक मधुमेह रोगियों को होली के उत्सव के बीच अपनी सेहत को लेकर कोई भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। खान-पान और कैलोरी की मात्रा पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। त्योहारों में चूंकि मिठाइयों - पकवानों की अधिकता होती है, ऐसे में आहार में थोड़ी भी गड़बड़ी बड़ी मुसीबतों का कारण बन सकती है।
चिकित्सको की सलाह , बरते सावधानी
सीएससी सिरसिया - भनवापुर के अधीक्षक डा. शैलेन्द्र मणि ओझा ने बताया कि होली त्योहार की सबसे बड़ी खूबी ही ढेर सारे रंग और गुलाल में बसी होती है, लेकिन होली के दौरान बरती गई थोड़ी-सी भी लापरवाही आपको कई तरह की समस्याओं का शिकार बना सकती है। त्वचा से लेकर आंखों, बालों तक को होली के रंग नुकसान पहुंचा सकते हैं। त्वचा पर फफोले, रैशेज, खुजली, जलन, आंखों में जलन-लालिमा और सांस से संबंधित समस्याएं बन जाती हैं। ऐसे में जरूरी यह है कि रंगों को लेकर पूरी सावधानी बरती जाए। इसलिए जरूरी है कि रंगभरे इस त्योहार के पहले थोड़ी सतर्कता बरती जाए, ताकि सेहत से कोई लापरवाही न होने पाए , कहा कि होली के इस मौसम में तरह-तरह के पकवान देखकर आपका मन भी डोल सकता है, लेकिन ध्यान रहे मीठी चीजों का अधिक सेवन आपके ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकती है। रक्त में शर्करा का बढ़ना कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारक बन सकता है। ऐसे में स्वस्थ और पौष्टिक चीजों का ही सेवन करें।तली-भुनी, मीठी चीजों से बचें। यदि आप मीठी चीजों को खाना भी चाहते हैं, तो भोजन से कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजों को कम करके आहार का संतुलन बनाएं रखे ।
--न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिस्कोहर के चिकित्साधिकारी डा. एससी शर्मा ने बताया कि होली खेलने से पूर्व बादाम का तेल लगाएं। इससे त्वचा को नुकसान कम से कम पहुंचेगा और बाद में त्वचा को पर्याप्त नमी व पोषण भी मिल पाएगा। होली खेलने के लिए हर्बल रंगों या फिर फ्लेवर्ड रंगों का ही इस्तेमाल करें। ये रंग पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं। साथ ही इनके प्रयोग से किसी तरह की कोई समस्या नहीं होती है । होली खेलते समय यदि रंग या गुलाल आंखों या मुंह में जाता है तो तुरंत सबसे पहले साफ पानी से सफाई करें या कुल्ला करें। यदि आपको अस्थमा या किसी प्रकार की स्किन एलर्जी है तो रंग खेलने से पहले ही स्पष्ट कर दें या ज्यादा रंग न खेलें, बताया कि होली के रंगों में कुछ मात्रा में एसिड भी हो सकता है, जिसकी वजह से आंखों या त्वचा पर जलन या दर्द हो सकता है। यदि आपको लग रहा है कि किसी के रंग लगाने के बाद ऐसा हुआ है तो सबसे पहले साफ पानी से तुरंत रंग को धोएं। अगर आप चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो उसे हटाकर ही रंग खेलें। गर्भवती महिलाओं को इन हानिकारक रंगों से बचाव और भी जरूरी है क्योंकि इनका बुरा असर बच्चे तक भी पहुंच सकता है।
यह बरते सावधानी
सांस व दमे के रोगी रहें रंगों से दूर
सांस दमे के रोगियों को रंग गुलाल नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्हें ऐसे स्थानों से दूर रखें जहां होली खेली जा रही है। डस्ट से एलर्जी वाले रोगी भी गुलाल से दूर रहें।
होली का खानपान
- होली पर आमतौर पर गुजिया, कचौड़ी पकौड़ी, नमकीन, चिप्स, आदि खाए जाते हैं। होली पर शुगर व बीपी के मरीजों को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। शुगर के मरीजों को मिठाइयां अधिक मात्रा में खाने से बचना चाहिए। वहीं बीपी के मरीजों को ज्यादा नमक वाले खाद्य पदार्थ खाने से बचना चाहिए। अधिक मात्रा में नमकीन खाद्य पदार्थ खाने से बीपी बढ़ सकता है। नशीले पदार्थ खाने पीने से बचें।
होली पर बालों का बचाव
- होली खेलने से पहले अपने सिर पर कपड़ा बांध लें अथवा सर पर टोपी पहन लें, जिससे बालों में रंग न जाए।
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