संतोष कौशल
बिस्कोहर। स्थानीय नगर के अटल नगर वार्ड में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के पांचवें दिन शनिवार को माखन चोरी, छप्पन भोग, मटकी फोड़ आदि कथाओं का वर्णन किया गया। कथावाचक आचार्य दयानंद शुक्ला ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं से जहां कंस के भेजे कई राक्षसों का संहार किया, वहीं ब्रज के लोगों को अपनी लीलाएं दिखाकर आनंदित भी किया। उन्होंने आगे की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण जब चलने लगे तो पहली बार घर से बाहर निकले। ब्रज से बाहर भगवान की मित्र मंडली बनी। सुबल, मंगल, सुमंगल, श्रीदामा, तोसन आदि उनके मित्र बन गए। सारी मित्र मंडली के साथ मिलकर हर दिन माखन चोरी करने जाते। चोर मंडली का प्रतिनिधित्व स्वयं भगवान श्रीकृष्ण करते थे। सब एक जगह इकट्टा होकर योजना बनाते, कि किस गोपी के घर माखन की चोरी करनी है। श्रीकृष्ण माखन चोरी करके बाहर आ जाते और सभी मित्रों के साथ बांटकर खाते थे। भगवान बोले जिसके यहां चोरी की हो, उसके द्वार पर बैठकर माखन खाने में आनंद ही अलग है। माखन चोरी की लीला का बखान करते हुए उन्होंने भगवान कृष्ण के बाल रूप का सुंदर प्रकार से वर्णन किया। कथा वाचक ने बताया कि भगवान कृष्ण बचपन में नटखट थे। भागवत कथा के बीच-बीच में संगीतमयी भजनों की प्रस्तुती का दौर चला। कथा के दौरान भगवान कृष्ण की मटकी फोड़ झांकियां निकाल कर मटकी फोड़ी गई। श्रद्धालुओं ने नृत्य कर अपना भक्तिभाव प्रकट किया।
इस अवसर पर आयोजक जसवंत सिंह, बघेंद्र सिंह , पंकज सिंह , सुभाष , पंचम , राजेंद्र सिंह, रमन सिंह, गुड्डू, विकास , भारत , अरुण पांडेय आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।
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