संतोष कौशल
बिस्कोहर। अखिल विश्व गायत्री परिवार भनवापुर इकाई के तरफ से सोमवार को गायत्री चेतना केंद्र फूलपुर लाला में गुरु पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । इस दौरान सुबह साधना व सामूहिक जप के बाद मंदिर परिसर में बने यज्ञशाला में विश्व के कल्याण के लिए एक कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन भी किया गया , जिसमे क्षेत्र के परिजनों ने एक साथ आहुतियां डालकर विश्व वसुधा के कल्याण के लिए प्रार्थना किया। यज्ञ का संचालन शांतिकुंज से प्रशिक्षित कुमारी ज्योति चौरसिया व कुमारी मुस्कान गुप्ता ने किया।
इस दौरान गायत्री परिवार के वरिष्ठ परिजन कैलाशनाथ पांडेय ने गुरु पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरू को अत्यधिक सम्मानित स्थान प्राप्त है। गुरु और शिष्य के बीच सबसे बड़ी बात यह है कि गुरू के हर आदेश का पालन करना है। भरोसा, आस्था और विश्वास पक्का होना चाहिए। कोई भी प्रार्थना बेकार नहीं जाती। अपनी आस्था बनाए रखो और डर को परे रखो। जीवन एक रहस्य है जिसे तुम्हें खोजना है। यह कोई समस्या नहीं जिसे तुम्हें सुलझाना है। अगर तुम यह जान जाओ कि जीना कैसे है तो जीवन सचमुच बेहद आश्चर्यजनक है। गुरू पर भरोसा और समर्पण का भाव रखेंगे तो जीवन सफल हो जाएगा। गुरू का महत्व बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरू को अत्यधिक सम्मानित स्थान प्राप्त है। भारतीय इतिहास पर नजर डालें तो उसमें गुरू की भूमिका समाज को सुधार की ओर ले जाने वाले मार्गदर्शक के रूप में होने के साथ क्रान्ति को दिशा दिखाने वाली भी रही है। भारतीय संस्कृति में गुरू का स्थान ईश्वर से भी ऊपर माना गया है। भक्ति कभी समाप्त नहीं होना चाहिए, मनुष्य की इच्छा और आकांक्षा कभी समाप्त नहीं होना चाहिए।
इस अवसर पर ब्लाक संयोजक घनश्याम यादव, जगदंबा प्रसाद वर्मा, द्वारपाल चौरसिया , पंडित विशंभर तिवारी, अज्जू श्रीवास्तव, राजेंद्र श्रीवास्तव, गोपाल शरण चौधरी, अवधेश त्रिपाठी, नीरज सिंह आदि मौजूद रहें।
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